किशनगंज, नवम्बर 8 -- दिघलबैंक। निज संवाददाता पांच छह दशक पूव की राजनीति और वर्तमान समय की राजनाति में काफी अंतर है। उस समय की राजनीति कुछ और थी और वर्तमान समय की राजनीतिक कुछ और हो गई है। पहले लोग उम्मीदवार का कुशल व्यक्तित्व, कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी, सौहार्दपूर्ण जैसी भावनाओं को देखकर ही वोट किया करते थे। पहले की तुलना में आज चुनाव प्रचार का तरीका भी समय के साथ बहुत तेजी से बदला है। आज चुनाव प्रचार के लिए जहां उम्मीदवार सोशल साइट्स, मोबाइल फोन, टीवी चैनल आदि का सहारा ले रहे हैं तो वहीं वर्षो पहले चुनाव प्रचार का तरीका आज से बिल्कुल अलग था। जो जनता और उम्मीदवार के बीच मजबूत रिश्ते को दर्शाता था। दिघलबैंक प्रखंड के मंगुरा पंचायत के कलागाछ गांव निवासी समीरुद्दीन (83) ने उक्त बातें कही। उनका कहना है कि उस समय मतदाता अपने चहते प्रत्याशी के पक...