मुख्य संवाददाता, सितम्बर 2 -- उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी पाना आसान बात नहीं है। प्रदेश के 331 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों पर चयन के लिए पहले तो लिखित परीक्षा के इंतजार में आवेदकों की आंखें पथरा गई और जब तीन साल की देरी से परीक्षा हो गई गई तो अब परिणाम घोषित होने का नाम नहीं ले रहा है। इस भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने तीन साल पहले 2022 में आवेदन लिए थे। बाद में उस आयोग का अस्तित्व ही खत्म हो गया और नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग ने तीन साल बाद परीक्षा कराई। विशेषज्ञों की मानें तो ओएमआर शीट पर आयोजित परीक्षा का परिणाम घोषित होने में मुश्किल से दो सप्ताह का समय लगना चाहिए, लेकिन नवगठित आयोग चार महीने बाद भी परिणाम नहीं जारी कर सका है। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के परीक...