रामपुर, जुलाई 16 -- स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत आने वाले बजट की व्यवस्था में इस बार बदलाव किया गया है। अब डिमांड के अनुसार ही काम का पैसा जारी किया जाएगा। अभी तक जिला स्तरीय अधिकारियों की अनुमति के बाद पैसा जारी होता था, जिसमें काफी हीलाहवाली रहती थी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में दो प्रकार से बजट का आवंटन होता है। पहला प्रकार गांव को माडल बनाने की दिशा में होता है। जिसमें गांव में ठोस व तरल कूड़े का प्रबंध करना होता है। इसके लिए आरआरसी, प्लास्टिक बैंक, नाडेप आदि तमाम बिंदुओं पर कार्य पूरे किए जाते हैं। दूसरा व्यक्तिगत शौचालय के लिए बजट जारी होता है। जिसमें ग्रामीणों को 12-12 हजार रुपये दिए जाते हैं। अभी तक यह व्यवस्था थी कि सीडीओ और डीपीआरओ के डोंगल से एसबीएम का पैसा जारी होता था। जिसके बाद ही गांव में साफ-सफाई व अन्य बिंदुओं पर कार्य...
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