खगडि़या, नवम्बर 4 -- खगड़िया, एक प्रतिनिधि महेशखूंट पंचायत के इंग्लिश महेशखूंट निवासी वयोवृद्ध फुचो चौरसिया बताते हैं की 50 साल पहले टिन के बने भौंपू प्रचार का माध्यम होता था। हमारे जमाने में जब लोकसभा या विधानसभा की चुनाव होता था तो उस समय वाहन की व्यवस्था नहीं होने के कारण रिक्शा या टमटम से उम्मीदवार का प्रचार होता था। उस समय लोग इतना वोट गिराने के लिए जागरूक नहीं था। महेशखूंट राजधाम स्थिति को-ऑपरिटिव भवन में वोट गिराया जाता था। लोग वोट गिराने के लिए पैदल चलकर वुथ पर जाया करता था। जब उम्मीदवार की गाड़ी प्रचार के लिए आते तो देखने के लिए गांव में लोगों की भीड़ जुट जाया करता था। शरीर पर गंजी तथा गमछा लपेटे वोट गिराने जाते थे। पक्की सड़क नहीं होती थी। गर्मी के मौसम में कच्ची रास्ते पर धुल उड़ाते हुए वोट गिराने के लिए जाया करता। पानी पीने के लिए ...