भागलपुर, नवम्बर 2 -- भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गांव घर में पहले के समय में चुनाव को लोग एक उत्सव के रूप में मनाते थे। उस समय आवागमन के साधन और सुविधा की कमी, जागरूकता और सुरक्षा की कमी के कारण मतदान के दिन अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोगों द्वारा दूसरे मतदाताओं की जगह वोटिंग कर दी जाती थी। मतदाता डर से दबंग और आपराधिक छवि के लोगों को वोगस वोटिंग से रोकने में सक्षम नहीं थे। जबकि मतदान पर्ची पर अपने पसंदीदा प्रत्याशी की पर्ची पर मुहर मारकर वोटर पर्ची बैलेट बॉक्स में डाल दी जाती थी। आज ईवीएम से वोटिंग होने से चुनाव एवं मतदान प्रकिया में बदलाव आने के साथ सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर हुई है। ये बातें जेएलएनएमसीएच सर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए 70 वर्षीय डॉ. चंद्रमौली उपाध्याय ने चुनाव और मतदान से जुड़...