नई दिल्ली, अक्टूबर 10 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। दुनियाभर में स्वच्छ ऊर्जा की कहानी अब किसी भविष्यवाणी की तरह नहीं, बल्कि एक वास्तविकता की तरह सामने आ रही है। 2025 की पहली छमाही में पहली बार सौर और पवन ऊर्जा ने वैश्विक बिजली मांग में हुई वृद्धि को पूरा कर दिया, जिससे कोयला और गैस आधारित बिजली उत्पादन में मामूली गिरावट आई। यह वही क्षण है, जिसे एनर्जी थिंक टैंक अंबर ने एक ऐतिहासिक मोड़ कहा है। अंबर की नई रिपोर्ट बताती है कि जनवरी से जून 2025 के बीच दुनिया की बिजली मांग 2.6% बढ़ी (करीब 369 टेरावॉट-घंटे) लेकिन इस अतिरिक्त मांग को लगभग पूरी तरह सौर और पवन ने पूरा किया। अकेले सौर ऊर्जा ने 83% बढ़ोतरी (306 टेरावाट) दी, जबकि पवन ऊर्जा में भी 7.7% की वृद्धि हुई। नतीजा ये रहा कि कोयला आधारित बिजली उत्पादन 0.6% और गैस 0.2% घट गया। वैश्विक स्तर प...