नई दिल्ली, मई 8 -- पहली बार घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने निफ्टी-500 कंपनियों में विदेशी निवेशकों को पछाड़ दिया है। निफ्टी-500 कंपनियों में पहली बार DIIs की हिस्सेदारी (19.2%) FIIs (18.8%) से आगे निकल गई है। प्रमोटरों की हिस्सेदारी भी रिकॉर्ड निचले स्तर (49.5%) पर पहुंची। जबकि, रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी लगभग स्थिर (12.4%) है। इस बात का खुलासा मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने लेटेस्ट रिपोर्ट में किया है। DIIs के बढ़ते निवेश से पता चलता है कि भारतीय निवेशक अपने बाजार पर भरोसा कर रहे हैं। FIIs पर कम बाजार की निर्भरता कम हो रही है। अब बाजार विदेशी पूंजी के उतार-चढ़ाव से कुछ हद तक आजाद हो रहा है। यह ट्रेंड बताता है कि भारतीय शेयर मार्केट अब "घरेलू ताकत" से आगे बढ़ रहा है। पिछले 10 साल का हाल: साल 2015 से 2025 के बीच DIIs ने FII...