नई दिल्ली, अगस्त 14 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से आठ सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही इस दौरान पहलगाम में अप्रैल महीने में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया गया। अदालत ने कहा कि पाहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा, "आप पाहलगाम में जो हुआ उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।" देश की सर्वोच्च अदालत की टिप्पणी तब आई जब केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देख...
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