बेगुसराय, मार्च 29 -- बीहट। निज संवाददाता पश्मीना नाटक के जरिये जहां एक ओर इंसानी संबंधों के मानवीय संवेदनाओं का सजीव चित्रण किया गया, वहीं दूसरी ओर गंध नाटक में कलाकारों ने यह बताने की भरसक कोशिश की कि स्मृतियां मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आकाशगंगा रंग चौपाल एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित राष् ट्रीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय के कलाकारों ने अमित रौशन के निर्देशन में पश्मीना का मंचन किया। नाटक पश्मीना कश्मीर की पृष्ठभूमि पर मानवीय रिश्तों के ताने-बाने को पश्मीना सदृश नाजूक धागे से जोड़ता हुआ दीखा।मृणाल माथुर लिखित नाटक पश्मीना में कलाकारों ने अपने अभिनय से इंसानी संबंधों के मानवीय संवदेनाओं तथा संवदेनाओं की जटिलताओं का सजीव चित्रण किया। सचिन, कविता, कुणाल भारती और रितु कुमारी ने अपने अभिनय से खूब ...