नई दिल्ली, मई 18 -- सुहेल हामिद नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में एकला चलो की रणनीति अपनाकर आम आदमी पार्टी को सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभाने वाली कांग्रेस पश्चिम बंगाल में असमंजस में है। पार्टी खुद को मजबूत करना चाहती है, पर वह बंगाल में भाजपा की सरकार बनवाने का जोखिम नहीं लेना चाहती। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस लगातार सिमटती जा रही है। वर्ष 2021 के चुनाव में वाम दलों के साथ गठबंधन के बावजूद कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी। वहीं, उसका वोट प्रतिशत तीन फीसदी पर सिमट गया था। जबकि 2016 में पार्टी को 12.2 प्रतिशत वोट के साथ 44 सीटें मिली थीं। इनमें ज्यादातर सीटें उसे उत्तर बंगाल से मिली थीं। तृणमूल की चुनौतियों में इजाफा हो सकता वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने हर चुनाव में अपना प्रदर्शन बेहतर किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुआई में तृण...
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