लखनऊ, मार्च 15 -- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादातर मुस्लिम बाहुल्य लोकसभा सीटों पर एक बार फिर जीत का परचम लहराने को तैयार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को मात देने के लिए इंडिया गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। यह परंपरा चला आ रही है कि जहां-जहां मुस्लिम वोट 30 से 50 फीसद तक हैं वहां हिंदू मतदाताओं में जबरदस्त ध्रुर्वीकरण होने के कारण भाजपा मैदान मारती रही है। पिछले चुनावों पर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम-दलित और कभी मुस्लिम-जाट समीकरण फायदेमंद रहे हैं। 2013 में मुजफ्फरनगर के जाट-मुस्लिम समीकरणों के ध्वस्त होने का फायदा 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भरपूर उठाया था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश ...