बेगुसराय, अप्रैल 30 -- गुरुग्राम निवासी मधुलिका झा, जो ख़ुद को महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर गठित किसी महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष बताती थी, की गिरफ़्तारी से स्थानीय लोगों के बीच ख़ुशी और संतोष की लहर दौर गयी है। इनकी गिरफ़्तारी से न केवल पुलिस अधिकारियों के भयावह चेहरे सामने आये हैं बल्कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराधों के मामले में यह सच भी उजागर हुआ है कि ऐसे मामले में किसी ख़ास या एक ही लिंग-पुरुष की संलिप्तता ही शामिल नहीं होती है। मधुलिका झा पर आरोप है कि वह उन महिलाओं के यौन उत्पीड़न की साज़िश रचने में शामिल पायी गयीं जिनकी वह महिला प्रकोष्ठ की प्रधान की हैसियत से संरक्षा और बचाने का दावा करती थी। मामले की शुरुआत सोसायटी के कुत्तों को हटाने और उसके साथ क्रूरता दिखाने के पर सदस्यों के विरोध से हुई। कुत्तों के साथ क्रूर व्यवह...