मुंगेर, सितम्बर 6 -- धरहरा, एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय स्थित पशु अस्पताल की बदहाल व्यवस्था से पशुपालक बेहाल हैं। अस्पताल में न तो दवा उपलब्ध है और न ही चिकित्सक सहयोगी रवैया अपना रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा पशु स्वास्थ्य को लेकर बेहतर प्रणाली का दावा केवल कागजों पर है, जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है।औड़ाबगीचा गांव के पशुपालक कुंदन कुमार ने बताया कि दो दिन पहले उनके मवेशी ने खाना-पीना छोड़ दिया। स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक को दिखाने से भी कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने पशु चिकित्सालय के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, टोकन भी मिला और चलंत वाहन के डॉक्टर से बात कराई गई। लेकिन डॉक्टर ने यह कहते हुए इलाज करने से मना कर दिया कि दूरी दो किलोमीटर से कम है। जबकि चलंत वाहन प्रखंड मुख्यालय मे खड़ा रहता है। जरूरत पड़ने पर भी गांव नहीं जाता...