समस्तीपुर, अगस्त 9 -- दूध, दही, घी, गोबर और मूत्र से मिलने वाली आय के जरिए न केवल किसान अपनी पारिवारिक जरूरतें पूरी करते हैं, बल्कि उनकी अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है। पशुपालन अब धीरे धीरे नगर निगम क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर होने लगा है। इसके बावजूद, पशुपालक आज अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनका समाधान किए बिना इस क्षेत्र का विकास संभव नहीं है। पशुपालक सत्येन्द्र कुमार गुड्डू , सोनू मिश्रा, राहुल, लक्ष्मीकांत आदि बताते हैं कि सबसे बड़ी समस्या समय-समय पर होने वाले रोग और वायरस का फैलाव है। गलघोटू, लंपी वायरस, खुरपका-मुंहपका, बकरी प्लेग और अन्य संक्रामक बीमारियां अचानक ही पशुधन को चपेट में ले लेती हैं। ऐसी स्थिति में न केवल पशुओं की मौत होती है, बल्कि दूध उत्पादन में गिरावट आती है, जिससे पशुपालकों की आय पर सीधा असर पड़ता है। कई बार...