विकासनगर, मार्च 26 -- साहिया,संवाददाता। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से कालसी ब्लॉक के पानुवा में बुधवार को दो दिवसीय बकरी पालन कार्यशाला में बकरी पालन और कुटीर उद्योगों की जानकारी दी गई। विश्वविद्यालय के को-आर्डिनेटर डॉ. आशीष घोष ने बताया कि बकरी पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में विलुप्त हो रहे कुटीर उद्योगों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। बताया कि तीन दशक पहले तक गांवों में बुजुर्ग तकली से ऊन के धागे तैयार कर कई तरह के वस्त्र बनाए थे। समय के साथ ये कुटीर उद्योग विलुप्त हो गए। उन्होंने बताया कि उन्नत नस्ल की भेड़, बकरी पालन से अच्छी ऊन तैयार की जा सकती है। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने पशु पोषण, पशुओं में होने वाली बीमारियों के लक्षण, उपचार की जानकारी दी। इसके साथ ही पशुपालकों को पशुओं ...