बुलंदशहर, सितम्बर 2 -- बीबीनगर। क्षेत्र के अधिकांश गांवों में पशुपालकों द्वारा अपने मवेशियों को खाने में कुट्टा (बासी, सड़ा-गला या गंदा आहार) दिए जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यह सिर्फ पशुओं के स्वास्थ्य के लिए घातक नहीं है, बल्कि इनके दूध, मांस और अन्य उत्पादों के माध्यम से मानव जीवन को भी सीधा खतरा पैदा कर रहा है। क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से पशुओं को रातव के रूप में कुट्टा खिलाया जा रहा है। बीयर फैक्ट्री के अवशेष से तैयार हुआ सड़ा-गला कुट्टा पशु आहार के रूप में तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। घातक केमिकल युक्त कुट्टा के सेवन से पशु नशे की हालत में होने के चलते इससे चारे का अधिक सेवन करता है जिससे दूध की मात्रा बढ़ जाती है। कुट्टा खाने वाले पशुओं के दूध से बुरी दुर्गंध आने के साथ दूध के फटने सहित दूध का स्वाद खराब बताया जा रहा है। खल...