अमरोहा, सितम्बर 19 -- जोया। श्रीआदर्श रामलीला समिति के संयोजन में हसनपुर कलां गांव में कलाकारों ने सीता हरण और लंका दहन की लीला का सजीव मंचन किया। मौजूद श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। वृंदावन मथुरा से आए कलाकारों ने पहले सीता हरण का मंचन किया, जिसमें मारीच स्वर्ण मृग का रूप धरकर सीता माता को वन में अकेला छोड़ देता है। तभी रावण संन्यासी का वेश बनाकर आता है और माता सीता का हरण कर पुष्पक विमान में बैठाकर लंका ले जाता है। इस दृश्य के मंचन पर दर्शकों की आंखें भावुक हो उठीं और राम-सीता की वेदना को अनुभव किया। इसके बाद हनुमान जी ने रावण की सोने की लंका फूंक डाली। माता सीता की खोज में लंका पहुंचे पवनपुत्र हनुमान को रावण ने बंधक बना लिया और उनकी पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। परंतु जैसे ही पूंछ में आग लगी, हनुमान जी बंधन तोड़कर नगर के आकाश में उड़ गए...
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