गिरडीह, मई 1 -- धर्मेन्द्र पाठक, बगोदर। घर -परिवार में अच्छे दिन लाने का सपना संजोकर बगोदर इलाके से बड़ी संख्या में बेरोजगारों का सात समंदर पार के देशों एवं अपने देश के महानगरों में पलायन होता है। पलायन करने के बाद प्रवासी मजदूर के परिजनों की आर्थिक स्थिति में सुधार होती भी है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है, मगर कभी-कभी कुछ मजदूरों के साथ अनहोनी भी हो जाती है और उनके घर की खुशियां छीन जाती है। इस तरह की अनहोनी में मजदूरों की मौत होना, अपराधियों के द्वारा अपहरण कर लिया जाना, काम के बदले मजदूरी का भुगतान नहीं होना आदि शामिल हैं। इस तरह के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। इन मामलों में कुछ का निष्पादन तो सरकार के प्रयास से होता है मगर मजदूरों की मौत के बाद परिवार की खुशियां छीन जाती है। विदेशों में मौत होने पर मजदूरों का शव आने में मह...
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