अल्मोड़ा, जुलाई 15 -- पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक हरेला पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा। जगह-जगह पौधरोपण कार्यक्रम होगा। साथ ही लोग प्रकृति को हरा-भरा करने का संकल्प लेंगे। हरेला मानसून की शुरुआत और नई फसलों की बुवाई का प्रतीक माना जाता है। हरेला कुमाउनी शब्द हरियाला से आया है। मान्यतानुसार हरेले की उत्पत्ति कुमाऊं क्षेत्र से मानी जाती है। हरेले को सात अनाजों के साथ बोया जाता है। खीरा, फल, पकवान आदि रख हरेले की कटाई कर पहाड़ो में सबसे पहले अपने इष्ट देवता को अर्पित करने की प्रथा रही है। बुधवार को भी बोए गए हरेले को काटा जाएगा। जिसके बाद माताएं और बहने सिर पूजन करेंगी। लोग अपने अराध्य को हरेला समर्पित कर अच्छी फसल और समृद्धि की कामना करेंगे। वहीं, हरेले पर पौधरोपण के लिए प्रशासन के साथ वन विभाग तैयार है। जगह-जगह पौधरोपण कार्यक्रम होगा। संस्था...