मुंगेर, अगस्त 31 -- मुंगेर। जैन धर्मावलंबियों का दस दिवसीय पयूर्षण श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जा रहा है। तीसरे दिन शनिवार को उत्तम आर्जव(सरलता) धर्म के रूप में मनाया गया। सुबह जैन धर्मावलंबी जैन मंदिर पहंुचकर भगवान पार्श्वनाथ का अभिषेक एवं पूजाकर उत्तम आर्जव को जीवन में अपनाने के भाव के साथ भक्ति में लीन होकर ईष्ट देव की आराधना कर कपटपूर्ण व्यवहार से दूर रहने का संकल्प लिया। जैन समाज के निर्मल जैन ने बताया कि उत्तम आर्जव दस श्रेष्ठ गुणों में से तीसरा गुण है। आर्जव का अर्थ है सरलता, ईमानदारी, कपट रहितता, विशाल हृदय और छल-कपट से दूर रहना। यदि कोई साधक अपनी यात्रा को सुनियोजित, सरल और निर्बाध रूप से चलना चाहता है तो , उसके लिए कपट एवं कुटिलता का त्याग करना आवश्यक है। जीवन में सरलता का आना उत्तम आर्जव है। मन, वचन, कर्म में समानता आना ही आर...