कोटद्वार, सितम्बर 7 -- गिद्ध संरक्षण को लेकर रविवार को भाबर क्षेत्र के मवाकोट स्थित एक बारातघर के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान आम जन से गिद्ध संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की गई। इस दौरान गिद्ध संरक्षण के लिए कार्य कर रहे शिक्षक दिनेश कुकरेती ने कहा कि गिद्ध पर्यावरण के सफाई कर्मी हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए गिद्धों का संरक्षण इसलिए आवश्यक है क्योंकि वे मृत पशुओं के शवों को खाकर प्राकृतिक सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं, बीमारियों को फैलने से रोकते हैं, और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। वर्ष 1990 के पहले एशियाई महाद्वीप में लाखों की संख्या में गिद्ध पाए जाते थे, परन्तु 90 के दशक के बाद इनकी संख्या में अचानक काफी गिरावट दर्ज की गयी, और कभी बहुतायत में पाए जाने वाला यह पक्षी हजारों में ...