प्रयागराज, जून 5 -- प्रयागराज, संवाददाता। विश्व पर्यावरण दिवस पर हिन्दुस्तानी एकेडेमी की ओर से लोक साहित्य में पर्यावरण विषय पर संगोष्ठी हुई। वाराणसी से आए वरिष्ठ साहित्यकार देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में लोक द्वारा पर्यावरण को असंतुलित किया जा रहा है जबकि लोक साहित्य में पर्यावरण जैसे सर्वभूतों में ईश्वर की व्याप्ति है। डॉ. वीरेंद्र निर्झर ने कहा कि आज के समय में समाज व संस्कृति की निरंतर हसोन्मुखता जीवन के संतुलन को बिगाड़ रही है। जिससे पर्यावरण का संकट उत्पन्न हो रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. सत्यप्रिय पांडेय ने कहा कि पर्यावरण और प्रकृति लोक साहित्य का प्राण तत्व रहा है। साहित्यकार रविनंदन सिंह ने विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ. नमित कुमार सिंह ने किया। संगोष्ठी में रामनरेश त्रिपाठी पिंडीवासा, डॉ. अमितभा त्र...
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