नई दिल्ली, नवम्बर 11 -- परिवार के साथ दोस्तों की ढाल बनकर हर मुश्किल समय में खड़े रहते थे अमर -सामाजिक कार्य व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए आगे रहते थे अमर -परिवार के साथ विदेश की यात्रा रह गई अधूरी -लैपटॉप के साथ सोने की चेन है गायब -10 मिनट बाद निकलता तो बच जाती बेटे की जान : मृतक के पिता -लोगों ने बताया मिलनसार के साथ अमर खुशमिजाज थे -कोविड महामारी से पहले शुरू किया था दवाइयों का कारोबार आशीष सिंह नई दिल्ली। मेरी बुढ़ापे की लाठी टूट गई...। धमाके से 10 मिनट पहले ही बेटे से मेरी बात हुई थी। मृतक अमर ने सोमवार को परिवार के साथ डिनर नाइट की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने तय समय से पहले की चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस स्थित अपनी दवाई की दुकान को बंद कर दिया था। और वह श्री निवासपुरी से कार में आ रहे अपने परिवार का लाल किला मेट्रो ...