गाज़ियाबाद, नवम्बर 26 -- गाजियाबाद, संवाददाता। भागदौड़ की जिदंगी में बूढ़े मां-बाप बच्चों पर बोझ बन रहे हैं। इस उदाहरण संजय नगर के संयुक्त अस्पताल में इलाज करा रहे घायल की हालत देखकर लगाया जा सकता है। बुजुर्ग के घर पर सूचना के बाद भी कोई परिजन उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा। मुसीबत यह है कि इलाज के लिए रेफर करने पर घर के एक सदस्य की जरूरत है। बुजुर्ग का इलाज कर रहे आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एसएन सिंह ने बताया कि बुजुर्ग पहले कोई जानकारी नहीं दे रहे थे, लेकिन बुधवार को दोपहर उन्होंने अपना शमशाद निवासी मेरठ के जानी थान क्षेत्र के पीपला इदरीशपुर बताया। बुजुर्ग की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। हाथ और दोनों पैर में फ्रैक्चर है। सूचना देने के बावजूद उनके घर से कोई सदस्य अस्पताल नहीं आया है डॉ. सिंह ने बताया कि बुजुर्ग के बताए फोन नंबर पर बात करने से पता चला...