गंगापार, अक्टूबर 11 -- दर्शकों ने वह अद्भुत क्षण देखा, जब संयम ने क्रोध पर विजय पाई और विनम्रता ने अहंकार को परास्त किया। परशुराम और लक्ष्मण के संवाद प्रसंग का मंचन इतना जीवंत और प्रभावशाली रहा कि परिसर तालियों की से गूंज उठा। कस्बा भारतगंज त्रिमुहानी स्थित चल रही रामलीला में शुक्रवार रात्रि को आस्था टीम के कलाकारों ने परशुराम के तेजस्वी क्रोध और लक्ष्मण की तर्कपूर्ण विनम्रता के बीच संवाद को जिस सहजता से प्रस्तुत किया, उसने दर्शकों को मानो उस पौराणिक क्षण में पहुंचा दिया।सच्चा बल न तो क्रोध में है और न ही अहंकार में, बल्कि संयम, धैर्य और विनम्रता में निहित है।रामलीला समिति के अध्यक्ष ऋषभ केशरी ने बताया कि इस प्रसंग के माध्यम से यह सीख मिलती है कि विजेता वही है,जो संयम रखकर शांति और मर्यादा का मार्ग अपनाता है। दर्शक रामजी सेठ, शांति भूषण द...