सराईकेला, नवम्बर 3 -- सरायकेला:आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की ओर से बाबा नाम केवलम कीर्तन का आयोजन पुराना पोस्ट ऑफिस कांड्रा के समीप में किया गया इस उपलक्ष पर आचार्य व्रज गोपालनन्द अवधूत ने कहा कि जीवन की आकांक्षित लक्ष्य परम पुरुष को पाने के लिए ज्ञान कर्म और भक्ति अनिवार्य है। ज्ञान और कर्म के द्वारा भक्ति का जागरण होता है और इस भक्ति के द्वारा ही मनुष्य चरम आनंद को प्राप्त करता है। भक्ति जहां सभी दोषों से मुक्त है, ज्ञान और कर्म में कुछ कमियां रह जा सकती हैं सिर्फ ज्ञान बहुधा मनुष्य को आलसी और अहंकारी बना देता है वही कर्म मनुष्य को अहंकारी बना देता है। जब तक आध्यात्मिक साधक इन दोषों से छुटकारा नहीं प्राप्त कर लेता है तब तक साधक केवल भक्ति में प्रतिष्ठित नहीं हो सकता है। परम पुरुष को पाने के लिए केवला भक्ति अनिवार्य है , इसलिए बुद्धिमान मनु...