मुंगेर, अप्रैल 21 -- तारापुर, निज संवाददाता। माधोडीह में आयोजित महारूद्र यज्ञ के चौथे दिन श्री मद्भागवत कथा में कथा वाचिका किशोरी गौरी प्रिया ने कहा कि यह संसार माया जाल है। जब मनुष्य को सुख की प्राप्ति होती है, जब जीवन में सब कुछ अनुकूल होता है ऐश्वर्य, स्वास्थ्य, यश और धन की प्राप्ति होती है, तब वह अपने बल, बुद्धि और सामर्थ्य का अभिमान कर बैठता है। ऐसे में वह भगवान को भूल जाता है। उसे यह स्मरण नहीं रहता कि जिसने यह सब दिया, वह परमेश्वर हैं। किंतु जब जीवन दुखों से भर जाता है, संकटों की घड़ी आती है, तब मनुष्य का अभिमान चूर हो जाता है और वह भगवान का स्मरण करता है। द्रौपदी ने दु:ख में आने पर कृष्ण को रक्षा के लिए पुकारा। द्रोपदी की पुकार सुनकर भगवान प्रकट हुए और उन्होंने द्रोपदी की लाज बचायी। उन्होंने कहा कि जीवन की हर अवस्था में भगवान का स्...