छपरा, फरवरी 25 -- जलालपुर, एक प्रतिनिधि। प्रखंड के हरपुर शिवालय में चल रहे 51 कुंडीय श्रीरुद्र महायज्ञ सह शिव महापुराण कथा में मंगलवार को अपनी कथा के दौरान स्वामी डॉ. इंद्रदेव सरस्वती जी महाराज ने कहा कि परमात्मा की कृपा से ही मन को शास्वत सुख की प्राप्ति होती है। जीवन अत्यंत क्षणिक है इसलिए आदमी को परमात्मा का चिंतन करते रहना चाहिए। किन्तु मन ऐसा एक दुश्मन है जो सुख की खोज में वास्तविकता को स्वीकार नहीं करने देता है। युगों युगों से मानव मन को खुश करने के सारे प्रयत्न करता रहा है परन्तु मन कभी खुश नहीं हो पाया। एक सुख मिल जाने के बाद मन दूसरे सुख क़ो प्राप्त करने के लिए प्रयत्न करने लगता है और नहीं मिलने पर दुखी हो जाता है। मन को शाश्वत सुख परमात्मा की कृपा से मिलता है और भगवान् की कृपा भगवान् शंकर की आराधना से सम्भव है। शिव महापुराण की व...