नई दिल्ली, सितम्बर 27 -- हिंदी पॉप म्यूजिक की दुनिया में यूफोरिया बैंड का नाम सुनते ही दिलों में मीठी यादें ताजा हो जाती हैं। 90 के दशक में जब पॉप म्यूजिक का दौर शुरू हुआ, तब डॉक्टर से सिंगर बने पलाश सेन ने अपने बैंड के साथ इंडी-पॉप को एक नया चेहरा दिया। धूम पिचक धूम, मायरी, औना जाउना और फिर धूम जैसे एलबम्स ने न सिर्फ लोगों को दीवाना बनाया बल्कि पॉप संगीत को हिंदी घरानों में भी जगह दिलाई। आज भी पलाश सेन की आवाज उतनी ही शानदार और यादगार है। लेकिन पलाश सेन से जुड़ा ये किस्सा कम ही लोग जानते हैं कि वो अपनी मां का मंगलसूत्र पहनकर परफॉर्म करते हैं।मां का संघर्ष मंच पर गाते वक्त पलाश सेन अपने गले में अपनी मां का मंगलसूत्र पहनते हैं। इसके पीछे की कहानी इमोशनल कर देने वाली है। पलाश की मां, डॉ। पुष्पा सेन, महज आठ साल की थीं जब देश का बंटवारा हुआ। ल...
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