समस्तीपुर, अक्टूबर 27 -- रोसड़ा। छठ पूजा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चलती आ रही आस्था और परंपरा का प्रतीक है। शहर के बड़ी दुर्गा स्थान मोहल्ला की 91 वर्षीया मनोरमा देवी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। उनके परिवार में यह व्रत लगातार चार पीढ़ियों से किया जा रहा है। मनोरमा देवी बताती हैं कि उन्होंने साल 1965 में गौना के बाद ससुराल आने पर मात्र 20 वर्ष की उम्र में छठ व्रत की शुरुआत की थी। इससे पहले भी उनकी सास छठ करती थीं। उन्होंने लगातार 67 वर्षों तक इस व्रत का पालन किया। अब उम्र और स्वास्थ्य की सीमाओं के कारण उनकी बड़ी पुत्रवधू बुंदनी देवी यह परंपरा निभा रही हैं। मनोरमा देवी मुस्कुराते हुए कहती हैं, पहले दो सौ या पांच सौ रुपये में छठ पर्व संपन्न हो जाता था। अब तो दस हजार रुपये में भी मुश्किल से पूरा होता है। लेकिन आस्था वही बनी हुई है, बस स...