मुरादाबाद, फरवरी 14 -- शब ए बरात का त्यौहार गुरुवार को परंपरागत तरीके से मनाते हुए पूरी रात मस्जिदों में नमाज अदा कर मुसलमानों ने गुनाहों की माफी मांगी और कब्रिस्तान में पहुंचकर दुआ की । इस दौरान मुसलमान ने रोजा भी रखा। शबे बरात का त्योहार पूरे क्षेत्र में परंपरागत तरीके से मनाते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूरी रात मस्जिदों में नमाज अदा कर गुनाहों की माफी मांगी। इस दौरान जगह-जगह जलसों का आयोजन किया गया। मदरसा रफी को उनके प्रधानाचार्य एवं तहसील इमाम कारी अब्दुल मुईद ने बताया कि शब-ए-बारात के अगले दिन रोजा रखने से इंसान के पिछली शब-ए-बारात से इस शब-ए-बारात तक के सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। हालांकि, मुसलमानों में कुछ का मत है कि शब-ए-बारात पर एक नहीं बल्कि दो रोजे रखने चाहिए। यह वह रात है जब अल्लाह आने वाले साल के लिए लोगों की किस्मत ...