जमशेदपुर, मार्च 18 -- झारखंड में खनिज संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद कई खदानें सालों से नीलामी का इंतजार कर रहीं हैं। खासतौर पर पन्ना और सोने की खदानों की स्थिति चिंताजनक है। पिछले एक दशक से इन खदानों के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा है, जिससे इनका खनन कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। कोल्हान में पन्ना और पांच सोने की खदानें सरकार द्वारा कई बार नीलामी के लिए पेश की गईं, लेकिन लागत अधिक होने के कारण किसी भी खनन कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। विशेषज्ञों का मानना है कि इन खदानों में खनन कार्य शुरू करने के लिए अत्यधिक पूंजी निवेश की जरूरत होगी, लेकिन अपेक्षित लाभ की गारंटी नहीं है, जिससे निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं। ये हैं कारण पहले हजारीबाग में पन्ना का खनन कार्य होता था। करीब 25 साल खनन कार्य अधूरा रह गया। शहरीकरण की चपेट में जमीन आ जाने के क...