नई दिल्ली, जुलाई 3 -- कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह साधु कार्तिक महाराज की याचिका पर 'बंद कमरे में' सुनवाई की प्रार्थना पर विचार करेगा। याचिका में उनके खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई है। कार्तिक महाराज के नाम से प्रसिद्ध और इस वर्ष पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित स्वामी प्रदीप्तानंद ने एक महिला द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है। महिला ने पुलिस शिकायत में दावा किया कि यह घटना 2013 में हुई थी। साधु के वकील द्वारा मौखिक प्रार्थना किए जाने पर न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने मामले की 'बंद कमरे में' सुनवाई शुरू की। पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि कार्यवाही 'बंद कमरे में' नहीं होनी चाहिए। इसके बाद न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कार्त...