नई दिल्ली, मई 31 -- केरल हाई कोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें एक पति को अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया था। मामला पुथिया पुरायल के रहने वाले शाजी नामक व्यक्ति का है। साल 2005 में शादी के महज तीन महीने बाद शाजी ने अपनी पत्नी को तलाक का कानूनी नोटिस भेजा था। इसके तुरंत बाद महिला ने कुएं में कूदकर जान दे दी थी। इस फैसले में केरल हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि तलाक का ड्राफ्ट भेजना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं होता है। पत्नी की मौत के बाद मृतका की मां एमके पद्मिनी ने शाजी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498A (पति द्वारा प्रताड़ना) और धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज करवाया था। हालांकि पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर से धारा 306 को हटा दिया था।निचली अदालत ने माना था दोषी मामला निचली अ...