नई दिल्ली, जुलाई 18 -- तुम्हारा यह दोस्त मुझे पसंद नहीं, इससे दूर ही रहा करो। तुम कैसी शर्ट पहनते हो और बाल देखे हैं, थोड़ा तो स्टाइल में रहा करो। ओहो, कैसे आवाज निकालकर खाना खा रहे हो। जब देखो तब फोन पर लगे रहते हो, मेरे लिए टाइम ही नहीं है. . . . आखिर होगा भी कैसे? बात-बात पर तो आप टोकती रहती हैं। ऐसा लगता है, जैसे आपको अपना जीवनसाथी पसंद ही नहीं है और अब आप उसको अपनी पसंद के सांचे में ढालने में जुट गई हैं। एक ऐसा इंसान जो आपके मन मुताबिक हो, जो आपके हिसाब का हो ताकि आप उसे पसंद कर सकें।कैसे बदल गई पसंद याद कीजिए यह वही व्यक्ति है, जिसके लिए आप किसी से भी लड़ सकती थीं। यह वही है, जिसके बिना आप जीवन की कल्पना भी नहीं कर पा रही थीं। कुछ तो था न उसमें ऐसा, जिसने आपका दिल जीत लिया था। तो अब यह बदलाव क्यों? तब जो बातें पसंद आईं, अब वह नापसंद...
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