लखीमपुरखीरी, अगस्त 6 -- मनरेगा में एक परिवार का एक ही जॉबकार्ड बनाने का नियम है। परिवार के सदस्य इसी जॉबकार्ड के माध्यम से मनरेगा में काम कर सकते हैं। वहीं एक जॉबकार्ड धारक को साल में 100 दिन का काम (रोजगार) दिया जाता है। वहीं मोहम्मदी व गोला में ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पति-पत्नी दोनों के जॉबकार्ड बना दिए गए। दोनो पर रोजगार भी दिया गया। दोनों जाबकार्ड पर दिए गए काम के दिन जोड़ने पर पता चला कि 100 दिन से ज्यादा काम दिया गया। सोशल आडिट में यह सामने आने के बाद अब जांच व रिकवरी की तैयारी है। ग्राम पंचायतों का सोशल आडिट गठित टीम करती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 का चयनित ग्राम पंचायतों में सोशल आडिट चल रहा है। सोशल आडिट टीम की जांच में पता चला कि पति-पत्नी दोनो के अलग-अलग जॉबकार्ड बना दिए गए। मोहम्मदी ब्लॉक की ग्राम पंचायत अकबराबाद में अहिबर...