नई दिल्ली, सितम्बर 26 -- आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि पति द्वारा पत्नी से पैसे की मांग महज करना क्रूरता नहीं है। कोर्ट ने इस दौरान कहा है कि पति द्वारा कर्ज चुकाने के लिए पैसे मांगने को धारा 498A के तहत उत्पीड़न का नाम नहीं दिया जा सकता। साथ ही जस्टिस टी. मल्लिकार्जुन राव की पीठ ने 19 सितंबर को कट्टाबथुनी सीतामहालक्ष्मी द्वारा पति नंदम वेंकट मल्लेश्वर राव के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि उत्पीड़न के आरोपों के समर्थन में स्पष्ट और ठोस सबूत होने चाहिए, ना कि सामान्य आरोप। बता दें कि शख्स ने पत्नी ने उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के तहत उत्पीड़न का आरोप लगाया था। याचिका में 2010 के निचली अदालत के उस फैसले को पलटने की मांग की गई थी जिसमें उन्हें शारीरिक ...