विधि संवाददाता, सितम्बर 30 -- यह भी कहा गया कि पत्नी ने बिना किसी उचित कारण याची के साथ रहने से इनकार कर दिया था इसलिए वह सीआरपीसी की धारा 125(4) के अनुसार भरण पोषण पाने की हकदार नहीं है। कोर्ट ने पाया कि सीआरपीसी के अध्याय नौ में यह प्रावधान नहीं है कि नाबालिगों के विरुद्ध अर्जी उनके अभिभावकों के माध्यम से ही दाखिल करना जरूरी है। सीआरपीसी की धारा 125 के अनुसार कोई भी सक्षम व्यक्ति अपनी पत्नी या बच्चे (वैध/अवैध) का भरण पोषण करने से इनकार करता है तो वह मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दे सकता है, जो तथ्यों पर विचार करने के बाद एक निश्चित राशि प्रदान करेगा। कोर्ट ने कहा कि याची का हाईस्कूल प्रमाणपत्र फैमिली कोर्ट में उपलब्ध नहीं था। अर्जी दाखिल होने की तिथि पर वह नाबालिग था लेकिन निर्णय की तिथि तक वयस्क हो चुका था। कोर्ट ने परिवार न्यायालय के निष्...