बदायूं, अगस्त 6 -- बदायूं, संवाददाता। सोमवार की रात ड्यूटी पर निकले सिपाही टीपू सुल्तान के घर सुबह का माहौल आम दिनों जैसा ही था। पत्नी सहाना रोज की तरह बच्चों को उठाती रही, कहती रही जल्दी नाश्ता कर लो, पापा आते ही होंगे, लेकिन यह सुबह कुछ और लेकर आई थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, एक खौफनाक खबर धीरे-धीरे घर की दीवारों से टकराने लगी टीपू अब कभी नहीं लौटेगा। दो बेटियों और तीन बेटों के साथ एक किराए के मकान में रह रही सहाना इस खबर पर यकीन नहीं कर सकी। बच्चों को सीने से लगाकर वह चीखचीखकर कहती रही मेरे टीपू को वापस ला दो, मुझे कुछ नहीं चाहिए। छोटे-छोटे बच्चे कुछ समझ नहीं पा रहे थे, बस मां की आंखों से बहते आंसुओं को टकटकी लगाकर देखते रहे। गांव आनंदपुर से जैसे ही यह खबर पहुंची, वहां भी कोहराम मच गया। बूढ़ी मां बदहवास सी बदायूं पहुंचीं, बेटे का शव देखकर व...
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