प्रयागराज, जुलाई 12 -- दहेज उत्पीड़न मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि दहेज उत्पीड़न के मामले में कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग पति के रिश्तेदारों को परेशान करने के लिए नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जब तक दहेज मांगने के आरोप में विशेष घटना का जिक्र न किया गया हो, तब तक पति का रिश्तेदार होने के कारण किसी को ट्रायल के लिए नहीं घसीटा जा सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने अलीगढ़ के सुनील कुमार व तीन अन्य की याचिका कोर्ट ने स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 319 के तहत ननद, ननदोई को जारी सम्मन व पुनरीक्षण अर्जी निरस्त करने के आदेश रद्द कर दिए। कोर्ट ने कहा कि याचियों के खिलाफ आरोप सामान्य प्रकृति के हैं। उनके खिलाफ ऐसे साक्ष्य नहीं हैं, जिनके आधार पर सजा दी ज...