जमशेदपुर, मार्च 8 -- कभी पुरुषों से बात करने में घबराने वाली राधा रानी अब चोर-उचक्कों को खदेड़कर पकड़ती हैं। महिला पुलिसकर्मी राधा रानी महतो की वर्तमान स्थिति को देखकर उनकी तकलीफ और संघर्ष का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। राधा रानी मजबूत इच्छा शक्ति वाली एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में दिन गुजारे हैं। वर्ष 2010 में माओवादियों ने उनके पति की हत्या कर दी। इससे अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। हालांकि उनके भाई दिलीप ने सहयोग किया और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। घटना के बाद वह डिमना बस्ती में रहने लगीं। यहां मजदूरी करने के साथ ही पेपर बैग बनाकर बेचने का काम किया। उन्हें 100 ठोंगा यानी पेपर बैग के 6 रुपये मिलते थे। किसी तरह अपना और बच्चों का पालन-पोषण किया। उनके दोनों बच्चे काफी छोटे थे ...
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