कौशाम्बी, अगस्त 26 -- भाद्र पद शुक्ल पक्ष की तृतीया को सुहागिनों ने हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखा। शाम को स्नान कर महिलाओं ने सोलह श्रृंगार करते हुए भगवान शिव व माता पार्वती का विधिविधान से पूजन-अर्चन करते हुए अखंड सौभाग्य होने का आशीष मांगा। हरतालिका तीज व्रत का महत्व महिलाओं के विशेष है। मान्यता है कि भगवान भोले नाथ को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए दक्ष प्रजापति की पुत्री मांता पार्वती ने कई वर्षों तक घोर तपस्या किया था। इसके बाद उन्हें तपस्या का फल भगवान भोलेनाथ के रूप में प्राप्त हुआ। कलयुग में मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं इतनी घोर तपस्या नहीं कर सकती। ऐसे में उन्हें एक भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तीज को एक दिन का निर्जला व्रत रखने पर कई वर्षों की तपस्या के बराबर फल मिलता है। मंगलवार को जिलेभर में हरता...
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