नई दिल्ली, मार्च 22 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि पति और पत्नी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति समान है, तो पत्नी को गुजारा भत्ता देने की आवश्यकता नहीं है। यह निर्णय एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें उसने अपने अलग हुए पति से गुजारा भत्ता मांगा था। कोर्ट ने इस मामले में पाया कि दोनों पक्ष सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और महिला स्वतंत्र रूप से अपनी जरूरतें पूरी करने में सक्षम है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता और प्रतिवादी (पति-पत्नी) दोनों एक ही पद यानी सहायक प्रोफेसर पर कार्यरत हैं। इसलिए इस विशेष अनुज्ञा याचिका को खारिज किया जाता है।" कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पत्नी आत्मनिर्भर है और अपनी आय से जीवनयाप...