आरा, जुलाई 23 -- पीरो, संवाद सूत्र। प्रखंड के परमानन्द नगर में चातुर्मास्य व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संतश्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन करते हुए भगवान दत्तात्रेय के अवतार को विस्तार से बताया। भगवान विष्णु का पांचवां अवतार दत्तात्रेय के रूप में हुआ था। श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत भगवान के 24 अवतार में दत्तात्रेय जी का अवतार सती अनुसुईया के पुत्र के रूप में हुआ था। स्वामी जी ने कहा कि पतिव्रता स्त्री का सत्य, तेज, प्रकाश बहुत ही श्रेष्ठ होता है। नारी कोई साधारण स्त्री नहीं होती है, बल्कि एक पत्नी के रूप में पति के भाग्य को बदलने वाली होती है। वहीं नारी जब माता के रूप में होती है, तो वह अपने पुत्र और पुत्री के भाग्य निर्माता की पहली गुरु होती है। हम संसार में जितने भी लोग हैं, उनको भी सृष्टि में लाने वाली नारी ही ह...