नई दिल्ली, सितम्बर 26 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महिला को अपने पति और सास के साथ विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता में भाग लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि बहू की झूठी शिकायतों से आजकल सास और पति बहुत सावधान रहने लगे हैं। शीर्ष अदालत ने शादी के महज डेढ़ माह बाद महिला द्वारा ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराए जाने से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि आजकल, सास (पति की मांग) और पति झूठी शिकायतों के कारण पत्नी से बहुत सावधान रहते हैं। हमनें कई शिकायतें खारिज कर दी हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि हर मामला झूठा होता है, लेकिन दहेज उत्पीड़न के आरोप में आईपीसी की धारा 498ए बहुत ही कठोर है और इसका दुरुपयोग किया जाता है। हम आपको बता रहे हैं...
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