नई दिल्ली, सितम्बर 19 -- आधुनिक संसार में महिलाओं ने तरक्की का एक लंबा सफर तय किया है। अमेरिकी, यूरोपीय, अफ्रीकी और एशियाई, इन मुख्य चार समाजों में महिलाओं की स्थिति सुधरी है। आज से पचास साल पहले 57 प्रतिशत महिलाएं साक्षर थीं, आज 84 प्रतिशत से ज्यादा साक्षर हैं। संसार में 25 प्रतिशत से कुछ ज्यादा महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम हो गई हैं। अब उन्हें अपने संघर्ष को तेज करने का नया संकल्प लेना चाहिए। यह अकाट्य सत्य है कि स्त्री के बिना संसार का अस्तित्व नहीं है, परंतु इस वास्तविकता के बावजूद उन्हें सदियों से अपने वजूद को सिद्ध करने के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है। दुनिया का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है, जहां स्त्री को स्वत: ही पुरुष के समकक्ष स्थान दे दिया गया हो। हैरानी तो इस बात की है कि विकसित देशों में भी स्त्री समानता के लिए संघर्ष कर रही...