रांची, मार्च 11 -- झारखंड में एनकाउंटर में मारा गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को उसके परिवार वाले इंजीनियर बनाना चाहते थे। लेकिन कोयलांचल में सक्रिय रहे भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव गिरोह के गुर्गों की चकाचौंध देख वह अपराध की दुनिया में उतर गया। 1995 में पिठौरिया में जन्में अमन ने मैट्रिक की परीक्षा 2010 में 78 फीसदी अंक से पास की थी। इसके बाद परिवारवालों ने उसका दाखिला मोहाली में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर साइंस में करा दिया। वहां से उसने 62 फीसदी अंक के साथ डिप्लोमा किया। 2012 में डिप्लोमा के बाद उसकी पहचान प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति मोर्चा के तत्कालीन सुप्रीमो कुलेश्वर सिंह से हुई। संगठन के लिए रंगदारी मांगने के केस में पहली बार अमन पर पतरातू थाने में 10 मई 2012 को केस दर्ज हुआ। इसके बाद वह पतरातू क्षेत्र में लगातार रंग...