धनबाद, सितम्बर 22 -- धनबाद, मुख्य संवाददाता पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। इस बात को रविवार को धनबाद के हजारों वयस्क महिला व पुरुष असाक्षरों ने सच कर दिखाया है। जिले के हजारों दादा-दादी, नाना-नानी समेत अन्य असाक्षरों ने बुनियादी साक्षरता आकलन जांच परीक्षा में शमिल होकर निरक्षर होने के कलंक को मिटाया। कई महिलाएं व पुरुष 60 से 70 वर्ष की उम्र में परीक्षा देने के लिए अपने नाती- पोता के साथ पहुंची। ऐसी महिलाएं व पुरुषों का उत्साह देखते ही बन रहा था। उनकी सीखने की लगन देखकर सभी प्रेरित हो रहे थे। महिलाओं ने कहा कि उन्हें घर के बच्चों ने पढ़ने के लिए प्रेरित किया है। अब वे पढ़ व लिख सकती हैं। वहीं मामले में डीएसई आयुष कुमार ने बताया कि धनबाद में 1048 परीक्षा केंद्र में नवभारत साक्षरता उल्लास कार्यक्रम के तहत बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता आ...