कुशीनगर, जनवरी 29 -- कुशीनगर। पडरौना-दुदही मार्ग पर स्थित बसहिया बनवीरपुर गांव पशु तस्करी को लेकर पूर्वांचल ही नहीं बल्कि बिहार एवं पश्चिमी बंगाल तक चर्चित है। इस गांव के गो-तस्करी में शामिल एक महीने में आठ अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खुल चुकी है, जो पडरौना कोतवाली में एक गांव में सर्वाधिक अपराधी शामिल है। पडरौना कोतवाली में अब तक थाना निर्माण के बाद से 68 तस्करों की हिस्ट्रीशीट खुल चुकी है। वहीं इस गांव के तस्करी के पांच गिरोह चिह्नित किये गये हैं। मौजूदा समय में देवरिया जेल में इस गांव के 16 पशु तस्कर बंद हैं। पडरौना थाना का निर्माण वर्ष 1901 में आजादी के पहले हुआ था। वर्ष 1912 में थाना का नवीनीकरण कोतवाली बना है। इस कोतवाली में चार हल्का व पांच पुलिस चौकी स्थापित है। इनके माध्यम से 149 गांवों का लॉ एंड आर्डर को कंट्रोल किया जाता है। थाना ...
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