पेंसिल्वेनिया, अक्टूबर 7 -- अमेरिकी महानगरीय चकाचौंध से दूर राजमार्गों के किनारे बिखरे उन छोटे-मोटे मोटलों में, जहां थके-हारे यात्रियों को सस्ता आश्रय मिलता है वहां एक अनकही डरावनी कहानी छिपी है। यह कहानी है गुजराती प्रवासियों की- खासकर पटेल समुदाय की जो दशकों से अमेरिकी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। लेकिन 2025 में यह सपना खौफनाक रंग ले चुका है। इस साल अब तक सात गुजराती मूल के लोग मोटलों से जुड़ी हिंसा में मारे जा चुके हैं। सितंबर में डलास में एक मोटेल मैनेजर का सिर कलम कर दिया गया, तो हाल ही में पेंसिल्वेनिया और नॉर्थ कैरोलिना में गोलीबारी की घटनाओं ने पूरे समुदाय को हिलाकर रख दिया। मोटल, गैस स्टेशन और कन्वीनियंस स्टोर चलाने में इस समुदाय का दबदबा इतना है कि आज अमेरिका के करीब 60 प्रतिशत मोटल्स गुजराती मालिकों के अधीन हैं। क्...